चकराता की ऊंची चोटियों पर सीजन का तीसरा हिमपात हुआ। बर्फबारी देने आए पर्यटकों की मुराद शनिवार को पूरी हो गई। वीकेंड पर पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सीजन में तीसरी बार बर्फबारी होने से पर्यटक और स्थानीय व्यापारियों के साथ- साथ यहां के कृषक बागवान भी काफी खुश नजर आए। साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर तक बर्फ रहने की उम्मीद है।
चकराता की ऊंची चोटियों पर सीजन का तीसरा हिमपात हुआ। लोखंडी, देववन, कोटी कनासर, खडंबा, मुंडाली आदि की पहाड़ियां पूरी तरह से बर्फ से ढक गईं। त्यूणी-चकराता-मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर फिर से बर्फ की मोटी चादर बिछ गई। दो दिन से मौसम का मिजाज बदला होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक पहले ही यहां आ गए थे।
बर्फबारी देने आए पर्यटकों की मुराद शनिवार को पूरी हो गई। वीकेंड पर पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। शुक्रवार से झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हुआ था। इससे सर्दी में जबरदस्त इजाफा हुआ। ऊंचाई वाले इलाकों में जहां जबरदस्त बर्फबारी हुई, वहीं निचले इलाकों में झमाझम बारिश होती रही। शुक्रवार रात सीजन की तीसरी बर्फबारी होने से व्यापारी काफी खुश हैं।
पर्यटकों के उमड़ने से सभी होटल, होम स्टे, रिसार्ट फुल हो गए हैं। बर्फ गिरती देख पर्यटकों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बर्फबारी से पर्यटन व्यवसाय को भी अच्छा खासा लाभ मिल रहा है। वहीं नव वर्ष का जश्न मनाने चकराता आने की योजना बनाने वाले पर्यटकों को यह बर्फबारी किसी सौगात से काम नहीं है।
साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर तक बर्फ रहने की उम्मीद है। शनिवार को पर्यटक काफी मस्ती करते नजर आए। सीजन में तीसरी बार बर्फबारी होने से पर्यटक और स्थानीय व्यापारियों के साथ- साथ यहां के कृषक बागवान भी काफी खुश नजर आए। क्योंकि सेब, प्लम, आडू, खुमानी, अखरोट, चेरी नाशपाती की अच्छी फसल होने की उम्मीद है।
हालांकि बर्फबारी के बीच पशुओं को बाड़े में ही चारापत्ती देनी पड़ रही है। जंगल से चारा पत्ती लाना चुनौतीपूर्ण है। पशुपालकों को बड़ी मशक्कत से गाय बैल और भेड़ बकरियों के लिए चारा जुटाना पड़ रहा है। दैनिक श्रमिकों को भी बर्फबारी के कारण काम मिलना मुश्किल हो गया है।
पर्वतीय क्षेत्र में रात में पाला जमने के कारण हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए कुछ पाबंदियां लगाई हैं। पर्यटकों को रात के समय चकराता जाने पर रोक लगा दी गई है। यह पाबंदी रात दस से सुबह चार बजे तक लागू रहेगी। इसके लिए पुलिस ने चकराता रूट पर बैरिकेट्स लगाए हैं। यह पाबंदी शनिवार से दो जनवरी तक लागू रहेगी।
रात दस बजे से सुबह चार बजे तक पुलिस पर्यटकों को चकराता नहीं जाने देगी। वहीं पर्यटकों के बड़ी संख्या में उमड़ने के कारण शनिवार को साहिया बाजार में दिनभर जाम की स्थिति बनी रही।नववर्ष का जश्न का मनाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक चकराता में उमड़ रहे हैं। चकराता क्षेत्र में रोड पर पाला जमने के कारण रात में हादसे का खतरा सबसे अधिक रहता है। पुलिस ने विकासनगर, कालसी थाना क्षेत्रों में पिकेट लगाई है।
कालसी जौनसार बावर का प्रवेश द्वार माना जाता है। कोतवाल राजेश साह व कालसी थानाध्यक्ष भुवन चंद्र पुजारी के अनुसार रात में पर्वतीय क्षेत्रों में रहने व खाने की व्यवस्था नहीं रहती। साथ ही पाला जमने के कारण वाहनों के स्लिप होने का खतरा भी बढ़ जाता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह के निर्देश पर पर्यटकों की सुरक्षित व सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधीक्षक देहात रेनू लोहानी भी शुक्रवार रात में स्वयं कालसी बार्डर का निरीक्षण कर चुकी हैं।
शुक्रवार को लोखंडी के पास हुए हादसे में गई थी एक पर्यटक की जान लोखंडी के पास शुक्रवार सुबह हुआ कार हादसा भी सड़क पर जमे पाले से वाहन फिसलने के कारण ही माना जा रहा है। इसमें एक पर्यटक की मौत हुई थी। जबकि चार लोग घायल हो गए थे। इसको देखते हुए पुलिस रात में सिर्फ उन्हीं पर्यटकों को जाने देगी, जिनकी बुकिंग होगी।
बर्फबारी के दृष्टिगत रात में चकराता जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए कालसी बार्डर पर पुलिस पिकेट लगाई गई है। इसके अलावा विकासनगर कोतवाली क्षेत्र में भी पुलिस टीमें पर्यटकों को चेक करेंगी।
त्यूणी : पिछले दो दिन से हो रही बारिश और मौसम के तीसरे हिमपात के चलते जौनसार बावर व पछवादून शीत लहर की चपेट में आ गया। चकराता के लोखंडी क्षेत्र में हुई बर्फबारी से पड़ी कड़ाके की ठंड के चलते लोग ठिठुर रहे हैं। बाहर से आए कई पर्यटक बर्फबारी का नजारा देखने लोखंडी पहुंच रहे है।
चकराता की ऊंची चोटियों में शुमार लोखंडी, कनासर, देववन, खडबां, मुंडाली व कथियान समेत आसपास के इलाकों में बर्फबारी शनिवार को भी होती रही। बारिश और बर्फबारी से सामान्य जनजीवन प्रभावित है। लोखंडी से कोटी-कनासर के बीच बर्फबारी होने से चकराता-त्यूणी-मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही। इस बीच हाईवे पर बर्फ की मोटी परत जम गई।
सड़क से बर्फ हटाने के लिए विभाग ने जेसीबी व स्नो कटर लगाए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि दिसंबर में तीसरी बार बर्फ पड़ने से दूरदराज के ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। ऊंचे इलाकों में रसद एवं अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति प्रभावित है। फिलहाल मौसम साफ होने के आसर कम हैं।