देहरादून। 21वीं सदी में युवाओं का रुझान खुद का व्यवसाय शुरू करने की और ज्यादा देखा जाने लगा है। युवा अब उद्यमिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाकर स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रहे हैं। वे अब अपने पैरों पर खड़े होना चाहते हैं। राज्य में बेरोजगारी एवं पलायन की समस्या दूर करने, छात्रों को उद्यमिता कौशलों में दक्ष बनाने और उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए उत्तराखण्ड के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं उद्यम लर्निंग फाउंडेशन ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों हेतु कौशलम् एक्स्पो का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों में उद्यमिता की मानसिकता को विकसित करना है। एक्स्पो में प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों से आए हुए छात्रों ने अपने नवाचारी आइडिया एवं उत्पादों का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर हरीश मनवानी, निदेशक, उद्यम लर्निंग फाउंडेशन ने कहा,श्श्हमने 2020 में महज 10 स्कूलों से यह कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमे अब 2200 से अधिक स्कूलों शामिल हो चुके हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से 9वीं से 12वीं कक्षा के 3 लाख से अधिक छात्रों द्वारा मिली सराहना को देखते हुए हमने अपने पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए इसमें बदलाव किए हैं। कौशलम कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए, अनीता कुमार, हेड- अमेजॅन कम्युनिटी इम्पैक्ट, भारत और एपेक, ने कहा, भारत में उद्यमशीलता संस्कृति को मजबूत करने के संयुक्त मिशन में उत्तराखंड में आयोजित कौशलम कार्यक्रम पर उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के साथ साझेदारी करना गर्व की बात है। अमेजॅन में, हम पूरे भारत में युवाओं की उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर ममता नेगी चैहान सहायक निदेशक, सेवायोजन ने छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र नवीन उद्यमियों की सहायता हेतु सरकार द्वारा चलाई जाने वाले विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन कौशलम् कार्यक्रम के राज्य समन्वयक श्री राजेश खत्री ने किया। कार्यक्रम में आशा रानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक एस सी ई आर टी, कंचन देवराड़ी संयुक्त निदेशक एस सी ई आर टी, डॉ कृष्णानंद बिजलवाण, सहायक निदेशक एस सी ई आर टी एवं उद्यम लर्निंग फाउंडेशन सदस्य मौजूद थे।